दिल्ली / राष्ट्रपति कोविंद ने राम मंदिर पर फैसला सुनाने वाले पूर्व सीजेआई गोगोई को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया - News Summed Up

दिल्ली / राष्ट्रपति कोविंद ने राम मंदिर पर फैसला सुनाने वाले पूर्व सीजेआई गोगोई को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया


जस्टिस गोगोई 13 महीने तक सीजेआई रहे, 17 नवंबर को रिटायर हुएराफेल मामले में जस्टिस गोगोई ने केंद्र सरकार को क्लीन चिट दी थीदैनिक भास्कर Mar 16, 2020, 10:51 PM ISTनई दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राम मंदिर पर फैसला सुनाने वाले पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई को सोमवार को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया। वे 13 महीने तक सीजेआई रहे और 17 नवंबर 2019 को रिटायर हुए थे। उन्होंने अयोध्या के रामजन्म भूमि विवाद पर लगातार सुनवाई करके निपटारा किया था। राफेल लड़ाकू विमान की खरीद के मामले में केंद्र सरकार को क्लीन चिट दी थी।इससे पहले पूर्व जस्टिस रंगनाथ मिश्रा भी कांग्रेस से जुड़कर संसद सदस्य बन चुके हैं। वहीं, पूर्व सीजेआई पी.सतशिवम को मोदी सरकार ने केरल का पहला राज्यपाल बनाया था।रिटायर होने से पहले जस्टिस गोगोई ने 10 दिन में दिए थे 5 फैसले; 3 सरकार के पक्ष में, दो विरोध मेंपहला फैसला: अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले में जस्टिस रंजन गगोई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने विवादित भूमि पर राम मंदिर बनाने का फैसला दिया। मुस्लिमों को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन दूसरी जगह दिए जाने का भी आदेश दिया।दूसरा मामला: राफेल विमान सौदे में लगे घोटाले के आरोपों को लेकर जस्टिस गोगोई ने मोदी सरकार को बड़ी राहत दी। सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच ने राफेल मामले में दायर हुईं सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था।तीसरा फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को ‘चौकीदार चोर है’ वाले बयान पर माफी मांगने को कहा था। इस मामले में भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने याचिका दाखिल की थी।चौथा फैसला: सबरीमाला मंदिर महिलाओं के प्रवेश को लेकर था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 2018 के फैसले को बरकरार रखा था और मामला सात सदस्यीय संविधान पीठ को भेज दिया था।पांचवा मामला: वित्त कानून-2017 के संशोधन को लेकर था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यी पीठ ने कानून में संशोधनों को लेकर रोक लगा दी थी और मामला सात सदस्यीय पीठ को भेज दिया था।एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी का ट्वीट:Is it “quid pro quo”? How will people have faith in the Independence of Judges ? Many Questions pic.twitter.com/IQkAx4ofSf — Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 16, 2020भारत सरकार की अधिसूचना


Source: Dainik Bhaskar March 16, 2020 15:50 UTC



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