Upper Caste Reservation: 99 फीसद ग्रामीण परिवार होंगे आर्थिक आरक्षण के दायरे में - News Summed Up

Upper Caste Reservation: 99 फीसद ग्रामीण परिवार होंगे आर्थिक आरक्षण के दायरे में


नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। लोकसभा में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 फीसद आरक्षण का प्रावधान वाला संविधान संशोधन विधेयक पारित हो गया। यह विधेयक अब बुधवार को राज्यसभा में पेश होगा। संसद की मुहर लगने के बाद यह कानून बन जाएगा। सरकारी आंकड़ों को देखें तो इस आरक्षण के दायरे में 99 फीसद ग्रामीण परिवार होंगे।इस तरह मिलेगा लाभ1. केंद्र सरकार के एक अन्य आंकड़ों के आधार पर देखें तो 99 फीसद ग्रामीण परिवार इस आरक्षण के दायरे में होंगे। नाबार्ड द्वारा 2016-17 में कराए गए ऑल इंडिया रूरल फाइनेंनशियल इंक्लूजन सर्वे के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा 10 फीसद आरक्षण के लिए तय न्यूनतम वार्षिक आय की शर्त में ग्रामीण इलाकों के सभी परिवार शामिल होंगे।2. नाबार्ड सर्वे के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में शीर्ष 1 फीसद परिवार की मासिक आय 48,833 रुपये है। वहीं शीर्ष 5 फीसद परिवार की मासिक आय 23,375 रुपये आंकी गई है और शीर्ष 10 फीसद परिवार की मासिक आय महज 17,000 रुपये आंकी गई है।आरक्षण प्राप्त करने के मानककेंद्र सरकार ने जिन दो आधार पर यह आरक्षण देने की बात कही है उसके मुताबिक वह परिवार जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये प्रतिवर्ष से कम है अथवा परिवार के पास 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) से कम भूमि है, उन्हें ही आरक्षण के लिए मान्य माना जाएगा।पांच एकड़ से नीचे की कृषि भूमिकेंद्र सरकार द्वारा कराई गई कृषि जनगणना 2015-16, जिसका आंकड़ा सितंबर 2018 में जारी किया गया, के मुताबिक देश की 86 फीसद भूमि पर काबिज जनसंख्या इस आरक्षण के लिए मान्य है। दरअसल बीते 30 वर्ष में आबादी बढ़ने के साथ ग्रामीण परिवारों में बंटवारे की वजह से कृषि भूमि का क्षेत्रफल काफी घट गया है। इस वजह से बहुत कम ग्रामीण आबादी के पास ही पांच एकड़ से ज्यादा की कृषि भूमि बची है।सालाना 8 लाख रुपये तक कमाने वाले परिवारों को ही मिलेगा लाभनेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस 2011-12 की रिपोर्ट के अनुसार, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में शीर्ष पांच फीसद भारतीय इससे कम कमाते हैं। इस रिपोर्ट में परिवार की आय का आकलन मासिक प्रति व्यक्ति खर्च (एमपीईसी) को मासिक आय मानते हुए किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक देश के दोनों (ग्रामीण और शहरी) क्षेत्रों में शीर्ष 5 फीसद जनसंख्या- यदि प्रति परिवार 5 सदस्य की गणना की जाए- तो उनकी मासिक आय 66,666 रुपये से कम आती है। एमपीईसी का यह आकलन मॉडिफाइड मिक्स्ड रेफरेंस पीरियड (एमएमआरपी) नियम से किया गया है। नीचे दिए गए चार्ट के मुताबिक यदि परिवार में पांच सदस्य हैं तो शीर्ष पांच फीसद जनसंख्या की ग्रामीण इलाकों में मासिक आय 22,405 रुपये है और शहरी इलाकों में मासिक आय 51,405 रुपये है।दो तिहाई बहुमत जरूरीसंविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन का बिल लोकसभा से पारित होने के बाद अब राज्यसभा में पेश होगा। किसी भी संवैधानिक संशोधन के लिए संसद के दो-तिहाई अनुमोदन की आवश्यकता होती है। राज्यसभा में संख्या बल सरकार के साथ नहीं है। फिर भी लोकसभा की तरह यहां भी अन्य दलों का समर्थन मिलना तय है। यह 10 फीसद आरक्षण एससी, एसटी और ओबीसी के लिए 50 फीसद कोटे के अलावा होगा।यह भी पढ़ें-Upper Caste Reservation: सवर्ण आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने की चुनौतीUpper Caste Reservation: जानें- आंबेडकर ने क्यों कहा था ‘आरक्षण बैसाखी नहीं सहारा है’Upper Caste Reservation: पुरानी है सवर्ण आरक्षण की राजनीति, SC भी जता चुका है आपत्तिजानें- क्या है नागरिकता संशोधन विधेयक-2016 और क्यों विरोध कर रहे हैं कुछ राजनीतिक दलSaudi Arab: इस्लाम छोड़ने पर जान का खतरा बताने वाली युवती को राहत, घर वापसी टलीPosted By: Amit Singh


Source: Dainik Jagran January 09, 2019 08:15 UTC



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