Palwal News पलवल जिले के पुराने शहर में स्थानीय निवासी बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हैं। बीते 100 घंटे से शहर में पानी की सप्लाई ठप है। सबसे ज्यादा परेशानी बुजर्गों के साथ ही छोटे बच्चों को भी हो रही है। 20 हजार से ज्यादा लोगों को पानी नहीं मिला। दुकानदार ने थोड़ी देर सबमर्सिबल पंप चलाकर लोगों को पानी भरने दिया।अशोक कुमार यादव, पलवल। साहब! पीने का पानी तो मिल नही रहा है। शौचालय के लिए पानी कहां से लाएं? घर में लोग शौचालय जाने से कतरा रहे हैं, क्योंकि घर में एक बूंद भी पानी नहीं है। यही नजारा पुराने शहर की ऊंची बसावट पर बसे माेहल्लों में देखने को मिला।इन मोहल्लों में सबसे ज्यादा बुरी हालत बुजर्गों व छोटे बच्चों को हो रही है। जिस भी गली में निकलो महिलाएं, पुरुष आपस में घर में पीने के कारण हो रही समस्या को बता दिखे। कई महिलाएं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व जन नेताओं को कोसती दिखीं। बता दें कि पुराना पलवल शहर में 100 घंटे से शहर में पानी की आपूर्ति ठप है। ऊंचाई पर बसे खैलखुर्द, खैलकलां, ढेर मोहल्ला, नीमतला,थाई मोहल्ला, काजीवाड़ा, कानूनगोयान, इंद्रपुरी, सराय पुख्ता, बलदेव गंज सहित अन्य मोहल्लों में करीब तीन सौ घर हैं और सभी घरों में पानी का कनेक्शन हैं। पुराने शहर के 20 हजार से ज्यादा लोगों को नहीं मिला पानीइन मोहल्लों में चौथे दिन भी पीने के पानी की आपूर्ति नहीं हुई। इससे शहर में शुक्रवार को पानी के लिए हाहाकार मच गया। पुराने शहर के 20 हजार से ज्यादा लोगों को पानी की आपूर्ति नहीं हुई। एक-एक बाल्टी पानी के लिए लोगों को सबमर्सिबल पंप वाले घरों में कतार लगानी पड़ी। जिला उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ का दावा है कि शुक्रवार दोपहर बाद तक कुछ जगह आपूर्ति शुरू हो जाएगी। दैनिक जागरण ने सुबह साढ़े छह बजे इन मोहल्लों का दौरा किया तो देखा कि जिस भी गली में जाओं सुबह-सुबह लोग बाल्टी लेकर पानी के लिए इधर-उधर भटकते मिले। मीनार गेट पर सुबह साढ़े छह बजे जमुना कचौड़ी वाले की दुकान खुली। वैसे ही खैल खुर्द, खैलकलां से महिलाएं व पुरुष अपने हाथों में बाल्टियां, प्लास्टिक की बोतले दुकान पर पहुंच गए।