नए मामलों की नए कानून के दायरे में ही जांच और सुनवाई होगी. शादी का वादा करके यौन संबंध बनाने के अपराध को रेप से अलग रखा गया है. चोट पहुंचाने के अपराधों को धारा 100 से धारा 146 तक में परिभाषित किया गया है. राजद्रोह : बीएनएस में राजद्रोह के मामले में अलग से धारा नहीं है, जबकि आईपीसी में राजद्रोह कानून है. चुनावी अपराध : चुनाव से जुड़े अपराधों को धारा 169 से 177 तक रखा गया है.