रेनवाल मांजी| रेनवाल मांजी उपतहसील के साथ ही क्षेत्र की ग्राम पंचायत गोहन्दी, चित्तौड़ा, हरसुलिया, पहाड़िया, पीपला, मोहनपुरा पृथ्वी सिंह, मोहब्बतपुरा, थला, पंवालिया के गांवों में भैया दूज का पर्व बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया। भाई दूज के दिन बहनों ने. वहीं भाई अपनी बहनों को उपहार देते है उनकी रक्षा करने का अमिट वादा करते हैं। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर और नारियल देकर सभी देवी-देवताओं से भाई की सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना करती है। इस दिन यम देवता की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस शुभ अवसर पर बहनें स्नान-ध्यान के बाद यम देव की पूजा करती हैं और अपने भाई के हाथ पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और माथे पर तिलक कर भाई की लम्बी उम्र की कामना करती है। साथ ही नारियल दिया जाता है जो बहुत ही शुभ माना गया है। मान्यताओं के अनुसार भाई दूज के विशेष अवसर पर जो भी बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उन्हें नारियल का गोला देती हैं, उनके भाईयों का स्वास्थ्य हमेशा ठीक बना रहता है।भैया दूज को यमदूत के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन यम देवता अपनी बहन यमुना नदी के घर गए थे और भोजन ग्रहण किया था। यमुना जी ने भी अपने भाई के तिलक लगाया था, तभी से यह भाई दूज मनाने की परंपरा चली आ रही है। कहते हैं कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन के हाथ का बना हुआ भजन ग्रहण करता है उसे यम दंड से मुक्ति मिलती है।