कटहल के पेड़ों को अच्छी जल निकासी वाली अच्छी कार्बनिक सामग्री के साथ मिट्टी की आवश्यकता होती है. कटहल के वृक्ष की छाया में जिमीकंद हल्दी, अदरक इत्यादि की खेती भी सफलता के साथ की जा सकती है. इस विधि से पौध तैयार करने के लिए मूल वृंत की आवश्यकता होती है जिसके लिए कटहल के बीज या पौधों का प्रयोग किया जाता है. जब गड्ढे की मिट्टी अच्छी तरह दब जाये तब उसके बीचो-बीच में पौधे के पिण्डी के आकार का गड्ढा बनाकर पौधा लगा दें. भारत में कटहल की खेती कई किसानों के लिए आजीविका के अवसर प्रदान करती है और देश की कृषि विविधता में योगदान करती है.