पेड़ बीमार सा दिखाई देता है, अभी इसी वक्त इस तरह के पेड़ों का ठीक से प्रबंधन नहीं किया गया तो पेड़ सूख जाएंगे. इसलिए आवश्यक है की आक्रांत पेड़ के साथ-साथ उसके आसपास के सभी पेड़ों को उपचारित किया जाए अन्यथा एक एक करके बाग के सभी पेड़ इसी तरह से सूख जाएंगे. इस रोग के प्रबंधन के लिए आवश्यक है की रोग से आक्रांत आम के पेड़ के आसपास की मिट्टी को रोको एम (थियोफानेट मिथाइल) नामक फफुंदनाशक की 2 ग्राम मात्रा को प्रति लीटर पानी घोलकर इसी घोल से आम के पेड़ के आसपास की मिट्टी को खूब अच्छी तरह से भिगो दें. बाग में सभी आम के पेड़ के आस पास के सभी पेड़ों को इस घोल से भीगना अत्यावश्यक है, अन्यथा कुछ दिन के बाद दूसरे आम के पेड़ मरना प्रारंभ करेंगे. इस रोग के साथ साथ शीर्ष मरण, आम के छिल्को का फटना इत्यादि विभिन्न फफूंद जनित बीमारियों से आम को बचाया जा सकता है.