राजधानी की ट्रै्फिक व्यवस्था ई-रिक्शा चालकों के कारण फिर बिगड़ गयी है. चौक-चौराहों को बनाया नरकजिस ई-रिक्शा को शहरवाले प्रदूषण मुक्त वाहन मान रहे थे, वह इन दिनों शहरवासियों के लिए जी का जंजाल बनकर रह गया है. नतीजा दिन प्रतिदिन इसकी संख्या बढ़ती ही जा रही है. कोई नियम नहीं होने से जिसे जहां मन कर रहा है, वह अपना ई-रिक्शा दौड़ा रहा है. आज हालत यह है कि जिसे जिस रूट में ई-रिक्शा चलाने का मन कर रहा है, वह चला रहा है.


Source:   NDTV
November 17, 2024 15:34 UTC