एसटीपी की ओर से न तो जुर्माना दिया, नहीं ही दूषित पानी रूकाNGT: दिल्ली जयपुर हाईवे स्थित मसानी झील में धडल्ले से एसटीपी से दूषित छोडा जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एसटीपी की रिपोर्ट देने पर एनजीटी ने सभी एटीपी प्रभारियोंं को जमकर फटकार लगाई तथा 11 नवंबर तक रिपोर्ट पेश करने की चेतावनी दी है।सैंपल मिले थे फेल: बता दे कि साहबी में छोडे जा रहे पानी को लेकर अप्रैल 2023 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट ने एडीसी के नेतृत्व में 5 सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। कमेटी की ओर जब ट्यूबवेल के पानी के सैंपल लेने पहुंची थी। जो सारे सैंफल फैल मिले थे।एसटीपी पर लगाया था जुर्माना: क्षेत्रीय अधिकारी ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण को एक रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट के अनुसार नियमों का पालन न करने के कारण पिछले साल एसटीपी पर कुल 3 करोड़ रुपये से अधिक का पर्यावरण मुआवजा लगाया गया।जिसके चलते 6.5 एमएलडी कालूवास रोड स्थित एसटीपी पर 56.20 लाख रुपये, 16 एमएलडी नसियाजी रोड स्थित एसटीपी पर 64.60 लाख रुपये, खरखड़ा गांव (धारूहेड़ा) के एसटीपी पर 65.10 लाख रुपये तथा 3 एमएलडी खेड़ा मुरार रोड (बावल) के लिए एसटीपी पर 63.70 लाख रुपये का पर्यावरण मुआवजा लगाया गया था।सुनवाई में लगाई फटकार: एनजीटी बेंच की सुनवाई में इस पर कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि वर्तमान स्थिति से अवगत करवाया जाए ताकि पता चल सके आखिर एसटीपी प्लांट नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। क्या उनका पानी ट्रीट किया भी जा रहा है या नही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इन एसटीपी की जांच करके रिपोर्ट पेश तो बडा खुलासा हुआ। सारे ही एसटीपी बिना ट्रीट किए पानी को छोड रहे है।