कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशियों की नाराजगी चुनाव परिणाम आने के पहले ही सामने आ गई। सोमवार को हुई बैठक में उम्मीदवारों ने साफ कहा कि खुद को बड़ा नेता कहने वाले बूथ पर जीरो और भाषण में हीरो हैं। ऐसे नेताओं को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी जाए। पूर्व मुख्य. उनका कहना था कि चुनाव नतीजे के दिन सब भोपाल में रहें और कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग करें। वर्चुअल जुड़े दिग्विजय सिंह ने कहा कि सब लोग काउंटिंग पर ध्यान दें और काउंटिंग एजेंटों की ट्रेनिंग कराएं। मप्र प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा कि जो लोग पार्टी छोड़कर चले गए हैं, उन्हे धन्यवाद।बैठक में यह भी तय किया गया कि चुनाव नतीजे आने के बाद अगले दिन से ही कांग्रेस भविष्य के चुनावों की तैयारी में लग जाए। पार्टी के बड़े नेता 15 जून से प्रदेश भर में ब्लाक स्तर पर पहुंचकर मंथन कार्यक्रम चलाएं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लें और उसी के आधार पर अगले 10 साल का रोडमैप बनेगा।जिसका फीडबैक अच्छा, उसको जिम्मेदारी : पटवारीबैठक में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार अस्वस्थ होने के कारण तो नकुल नाथ और महेश परमार चुनावी व्यस्तताओं की वजह से नहीं आ सके। पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि जिसका फीडबैक अच्छा होगा उसको संगठन में जिम्मेदारी मिलेगी।हम मध्यप्रदेश में इस बार दहाई का आंकड़ा पार करेंगेकांग्रेस इस बार मप्र में बड़ी जीत दर्ज करेगी। मुझे पूरा भरोसा है कि हम कम से कम 20 सीटें जीतने जा रहे हैं। जनता ने मुद्दों पर वोट किया है।कांतिलाल भूरिया, प्रत्याशी रतलामजो लोग पार्टी छोड़कर गए, उन्हें वापस नहीं लिया जाएजो खुद को बड़ा नेता कहते हैं, बूथ पर जीरो हैं और भाषण में हीरो हैं। ऐसे नेताओं को आगे बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी जाए। पार्टी छोड़कर जाने वालों को वापस नहीं लेना चाहिए।संजय शर्मा, प्रत्याशी होशंगाबादजिन जातियों ने विरोध किया उनके नेताओं को हरवाऊंगाजिन जातियों ने मेरे खिलाफ काम किया है, उनके नेताओं को विधानसभा चुनाव में 40 हजार वोट से हरवाऊंगा। यह बिल्कुल ठीक नहीं है।फूलसिंह बरैया, प्रत्याशी भिंडचुनाव में विभीषण जैसे भाई तो कर्ण जैसे मित्र भी होते हैंचुनाव तो युद्ध है, जहां विभीषण जैसे भाई तो कर्ण जैसे मित्र भी होते हैं। सभी का सहयोग मिला। अब जिन सीटों पर कांग्रेस मजबूत है वहां एक बड़े नेता को एक दिन पहले ही पाबंद कर दिया जाए।प्रवीण पाठक, प्रत्याशी, ग्वालियरमेरे चुनाव का प्रबंधन राहुल भैया ने संभालामेरे चुनाव का प्रबंधन हमारे अजय सिंह (राहुल भैया) ने संभाला। हम चुनाव जीत रहे हैं। सभी का सहयोग मिला।कमलेश्वर पटेल, सीधीपहला मौका, जब सभी सीटों पर मिलकर लड़ेसबने मिलकर चुनाव लड़ा। सबका सहयोग रहा। यह पहला मौका था, जब हम प्रदेश में सभी सीटों पर मिलकर चुनाव लड़े।अरुण श्रीवास्तव, प्रत्याशी भोपालआखिरी तीन दिन में पार्टी छोड़ने वालों से नुकसानआखिरी तीन दिनों में जो नेता पार्टी छोड़कर चले गए, उन्होंने ज्यादा नुकसान पहुंचाया। क्योंकि वे शुरू से साथ चल रहे थे। उन्हें सब पता था।दिनेश यादव, प्रत्याशी, जबलपुरदलबदल के बावजूद हमने चुनाव मजबूती से लड़ाचुनाव के पहले कुछ नेता साथ छोड़कर भाजपा में चले गए। उसके बावजूद मजबूती से चुनाव लड़ा। जिले में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की जरूरत है।सत्यपाल सिंह सिकरवार, प्रत्याशी मुरैना